Prachinbarhi Prajapati
Generation: 1
Generation: 2
Generation: 3
1. Prachinbarhi Prajapati Notes:
एक प्रजापति, जो मनुवंशीय हविर्धान नामक राजा को हविर्धानी नामक पत्नी से उत्पन्न ज्येष्ठ पुत्र हा (म.अनु.१४७.२४-२५)। इसका वास्तविक नाम ‘बर्हिषद’ था । कहते हैं, इसने इतने यज्ञ कि, यज्ञ करते समय पूर दिशा की ओर रक्खे गये पूर्वाग्र दर्भौ’ से पृथ्वी आच्छादित हो उठी । इसीलिये इसे प्राचीनबर्हि (प्राचीन=पूर्व; बर्हि-दर्भ) नाम प्राप्त हुआ
इसे योग्य राजर्षि देख कर, नारद ने पुरंजन राजा का आख्यान बता कर ब्रह्मज्ञान दिया (भा.४.२५-२९)। ब्रह्मा ने नारायण से श्रवण किया हुआ ‘सात्त्वतधर्म’ इसे सिखाया,. यही नहीं, ब्रह्मा ने ‘ऋष्यादि क्रम’ का ज्ञान भी इसे दिया । महाभारत में इसे अत्रिकुलोत्पन्न एक नृप, एवं प्रजापति कहा गया है (म.शां.२०१.६)। वृद्धावस्था में यह अपने पुत्रों पर प्रजारक्षण का भार सौंप कर, तपस्या के हेतु कपिलाश्रम चला गया (भा.४.२९.८१)। आकाश में स्थित, सप्तर्षियों में, पूर्वदिशा की ओर बर्हिषद नाम से यह निवास करता है ।Prachinbarhi married Shatadruti. [Group Sheet]
Children:
Generation: 2
2. Prachites Prajapati (1.Prachinbarhi1) Prachites married Marisha, I. (daughter of Kandu) [Group Sheet]
Children:
Generation: 3
3. Daksha Prachites (2.Prachites2, 1.Prachinbarhi1) Daksha married . Unknown [Group Sheet]
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